कौन है?-
फार्म हाउस पर जब रॉकी की असलियत का पता चला तब वह ऐसे ही उसके सामने गिड़गिड़ाई ही थी। अपनी इज्जत बचाने के लिए उसके सामने हाथ जोड़े थे। मगर रॉकी ने उसकी एक नहीं सुनी थी। जबकि रॉकी के लिए उसने अपनी मां का घर तक छोड़ दिया था। मारिया को फसाने वाला रॉकी का दोस्त ही था। रॉकी ने पहले अपने दोस्त के साथ मिलकर जरूर मारिया को फंसाया होगा। जैसे रॉकी मेरे साथ जुल्म करता रहा है। मारिया के साथ उसके दोस्त ने वही करने की कोशिश की होगी। मारिया ने जब रॉकी के दोस्त का विरोध किया होगा, तब इसके दोस्तने गुस्से में आकर मारिया को मौत के घाट उतार दिया होगा। जिस लड़के की वजह से दो बहनों की जिंदगी बर्बाद हुई हो वह माफी का हकदार नहीं होता। उसे तो मौत से भी बदतर कोई सजा है तो वह मिलनी चाहिए।' मार्गरेटा के मन में रॉकी के लिए सिर्फ नफरत थी। तभी तो रॉकी का चीखना-चिल्लाना मार्गरेटा पर बेअसर साबित हो रहा था। वह जिंदा तो थी मगर बिल्कुल उस तहखाने में मौजूद चार पुतलों की तरह पत्थर दिल बनकर। मार्गरेटा बेड पर जा कर आराम से बैठ गई। अब उसे अपनी जिंदगी की फिक्र नहीं थी। क्योकिं अब उसकी जिंदगी का सिर्फ एक ही मकसद रह गया था रॉकी को अपने कर्मों की सजा पाते हुये देखना। आरव ने अपना वादा निभाया था। उसने रॉकी को ऐसी जगह लाकर छोड़ा जहां उसकी मौत के सौदागर पहले से उसका इंतजार कर रहे थे। काफी देर बाद तहखाने में घुंघरू की आवाज गूंज उठी। घुंघरू की आवाज सुनकर मार्गरेट इधर-उधर देखने लगी। इस तहखाने के अंदर से दूसरे तहखाने तक आनेजाने का कोई न कोई खुफिया रास्ता होगा। तभी तो घुंघरू की आवाज किस दिशा से आ रही थी उसका सही अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था। तकरीबन दो मिनट पश्चात महारानी के पुतले वाली जगह से एक खूबसूरत लड़की नमुदार हुई। जिसकी उम्र महज 21-22 साल रही होगी। उसकी गोरी त्वचा मक्खन में मिले चुटकी भर सिंदूर जैसी गुलाबी थी। उसके होठ बेहद आकर्षक थे। नाक नक्शा प्रमाण सर और चेहरा बिल्कुल गोल था। उसने सफेद रंग की ऐसी ड्रेस पहन रखी थी जैसी क्रिश्चियन लड़कियां अपनी शादी के दिन पहनती है। वह लड़की इस वक्त जन्नत से उतरी हुई खूबसूरत परी नजर आ रही थी। उसके गोरे पैरों में घुंघरू देखकर मार्गरेटा को बहुत ही आश्चर्य हुआ। मार्गरेटा ने देखा कि तहखाने के सभी पुतले आगंतुक लड़की को सेहमी हुई निगाहों से देखते हुए वापिस अपनी अपनी जगह शिफ्ट हो गए। मार्गरेटा ने यह बात अच्छी तरह नोट की थी कि सभी पुतले उस लड़की के आने से काफी डरे हुये थे। दूसरी तरफ रॉकी अपनी किस्मत को कोसता हुआ फर्श पर पड़ा था। घुंघरू की आवाज जब उसके कानों में पड़ी तो उसने गर्दन उठाई। एक ध्यान होकर घुंघरू की आवाज को सुनने की वह कोशिश करने लगा। जैसे-जैसे आवाज उसके नजदीक आती गई उसकी घबराहट में इजाफा होता गया। "कौन हो तुम? कौन हो?" रॉकी की आवाज दोबारा कांप उठी। "मुझे तुम्हारी हालत देखकर तुम पर रहम आ गया रॉकी।" आवाज मार्गरेटा की सुनकर रॉकी खौफजदा हो गया। "मगर तुम घुंघरू पहनकर क्यों आई हो?" मार्गरेटा की आवाज सुनकर रॉकी को संदेह हुआ। मार्गरेटा की आवाज में आगंतुक लड़की फिर से बोल उठी। "अब मुझ पर भरोसा करना तुम्हारी मजबूरी बन चुकी है।" उसने दृढ़ता से कहा। तुम मानो या ना मानो लेकिन यही सच है। मैं अब तुम्हारी जान बचाना चाहती हूं। वरना यह चारों पुतले तुम्हारे शरीर के टुकड़े टुकड़े करके खा जाएंगे।" "हां मुझे यहां से ले चलो। मैं तुम्हारा यह अहसास जिंदगी भर नहीं भूलूंगा। मैं मरना नहीं चाहता। मैं अपने किए पर बहुत शर्मिंदा हूं।" मार्गरेटा इस नायाब सीन को बड़ी हैरानी से देख रही थी। माजरा क्या है वह उसकी समझ में नहीं आया था। वो सोचने लगी----पता नहीं क्यों यह लड़की मेरी ही आवाज में रॉकी को बचाने की बात कह रही है? जबकि आरव ने मुझसे वादा किया था रॉकी को अब कोई नहीं बचा सकता। इस वक्त चुपचाप देखने के अलावा मार्गरेटा के पास कोई चारा भी तो नहीं था। आरव को गए हुए थे काफी समय हो गया था। आगंतुक लड़की रॉकी का हाथ पकड़ते हुए बोल उठी। "चलो रॉकी इस तहखाने में तुम्हारी मौत का जाल दिखाया गया है। चलो मेरे साथ हम इस कमरे से बाहर निकल जाते हैं।" उसने लगभग रॉकी को खींचते हुए कहा था। हिम्मत जुटाकर रॉकी खड़ा हो गया। "मुझे कुछ दिखाई नहीं देता।" उसने अपनी आंखों की तरफ इशारा करते हुए कहा था। "मुझे सब कुछ पता है। वह शैतानी पुतले तुम्हारी आंखें निकाल रहे थे तब मैंने अपनी आंखों से सब देखा था। फिकर ना करो, मैं तुम्हें गिरने नहीं दूंगी। बहुत ही संभाल कर दूसरी जगह ले जाऊंगी। आ रहे हो ना तुम?" "हां, मुझे यहां से निकालो मार्गरेटा। मैं पुतलों के मुंह का निवाला नहीं बनना चाहता। वह पुतले बेहद ही खतरनाक है वह कोई आम पुतले नहीं है। मेरी आंखें तक खा गए हैं। वह मुझे नहीं छोड़ेंगे। तुम जल्द से जल्द मुझे यहां से ले चलो प्लीज।" उस लड़की ने एक हाथ से रॉकी का हाथ थामा और दूसरे हाथ से मार्गरेटा को अपने पीछे आने का इशारा किया। मार्गरेटा के दिमाग की बत्ती जली। वह दबे पाँव उन दोनों के पीछे चलने लगी। उस लड़की की आंखें बड़ी ही अजीब थी----गहरी हरे रंग की आंखें। जिस में न जाने कितने राज छुपे हुए थे। मार्गरेटा के दिमाग पर इस वक्त जुनून सवार था। रॉकी की मौत को परवान चढ़ने का जुनून। अभी तक महारानी यशो नंदिनी के पुतले को अपनी जगह से बाहर खड़ा देखकर मार्गरेटा को बड़ा ही ताज्जुब हुआ। वह रहस्यमय लड़की महारानी के पुतले की जगह पर पहुंच गई। उस जगह पर भीतर जाने का रास्ता साफ साफ नजर आ रहा था। यह वही रास्ता था जहां से कुछ देर पहले यह लड़की आई थी। "रॉकी, यहां से संभल कर उतरना। इस कमरे से बाहर जाने का यह खुफिया रास्ता है। जो मेरे सिवा और किसी को मालूम नहीं है।" "मगर कैसे मार्गरेटा तुम यह सब कैसे जानती हो?
Varsha_Upadhyay
30-Sep-2023 10:54 PM
Nice one
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Gunjan Kamal
27-Sep-2023 09:11 AM
Nice
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